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Wednesday, August 1, 2018

थायराइड के लक्षण,कारण एवं थायराइड के इलाज का घरेलू उपाय इन हिन्दी (SYMPTOMS OF THYROID AND GHARELU NUSHKE FOR THYROID IN HINDI )

आजकल की ब्ज़ी लाइफ में थायराइड की समस्या आम सी हो गयी हैं, और अँग्रेजी दवाइयो में तो इसका इलाज बस यही है की ,बस जीवन भर दवाई लेते रहो।ये बीमारी तो आजकल सब के जरिये सुनने को मिल ही जाता है।चाहे वो महिला हो या आदमी सब में कुछ न कुछ thyroid के कुछ लक्षण देखने को मिल ही जाते है। ये सब बीमारियो का बस एक ही इलाज है हम सब अपने दिन की सुरुआत healthy टिप्स के साथ करनी चाहिए।
थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थायरायड ग्रंथि गर्दन में श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों ओर दो भागों में बनी होती है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है जिससे  हार्मोन का शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है। थॉयराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है जो गले में पाई जाती है।
यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है यानि जो भोजन हम खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है।
इसके अलावा यह हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है।आमतौर पर शुरुआती दौर में थायराइड के किसी भी लक्षण का पता आसानी से नहीं चल पाता, क्योंकि गर्दन में छोटी सी गांठ सामान्य ही मान ली जाती है। और जब तक इसे गंभीरता से लिया जाता है, तब तक यह भयानक रूप ले लेता है।जब भी इस हार्मोन का संतुलन बिगड़ने लगता है तब थायरोइड की समस्या होने लगती है। जब भी ये हार्मोन कम होने लगता है तब शरीर का metabolism काफी तेज होने लगता है। और शरीर की ऊर्जा जल्दी खत्म जाती है। जिससे सुस्ती,थकान बढ्ने लगती है।
थॉयराइड को माना जाता है, क्‍योंकि इसके लक्षण व्‍यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर चिकित्‍सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है । पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है। थायराइड में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। इस रोग में काफी दिक्कत होती है। आयुर्वेद में थायराइड को बढ़ने से रोकने के बेहद सफल प्रयोग बताएं गए हैं।

थायरोइड दो प्रकार के होते है

१) हाइपर थायरोइड (Hyper Thyroid)

हाइपर थायरोइड में  वजन कम होने लगता है। इसमे हार्ट बिट तेज होने लगता है साथ ही पसीना ज्यादा आता है,हाथ और पेड़ो में कप कपि होने लगता है।

२) हाइपो थायरोइड (Hypo Thyroid)

ये समस्या भी हाइपर थायरोइड से बिन होता है इसमे वजन बढ़ने लगता है, कब्ज रहने लगता है, हमारी स्किन बहुत दरी होने लगती है। आवाज़ भी भारी होने लगती है और चेहरे पे सूजन जैसी समस्या होने लगती है।
आए जाने हमे थायरोइड से क्या क्या प्रोब्लेम हो सकती है।

थायराइड के लक्षण इन हिन्दी (Symptoms Of Thyroid In Hindi)

#1.  वजन बढ़ना (Weight gain)

थायरोइड में वजन बढ़ने लगता है। बॉडी फूलने लगती है। मोटापा और पेट की चर्बी भी बढ़ने लगती है।

#2. कब्ज (Constipation)

थाइराइड होने पर कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है। खाना पचाने में दिक्कत होती है। साथ ही खाना आसानी से गले से नीचे नहीं उतरता।

#3. ठंड ज्यादा लगना (Feeling cold)

थाइराइड होने पर आदमी के हाथ पैर हमेशा ठंडे रहते है। मानव शरीर का तापमान सामान्य यानी 98.4 डिग्री फॉरनहाइट (37 डिग्री सेल्सियस) होता है, लेकिन फिर भी उसका शरीर और हाथ-पैर ठंडे रहते हैं।

#4.  प्रतिरोधक क्षमता (Immunity system)

प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना- थाइराइड होने पर शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम़जोर हो जाती है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने के चलते उसे कई बीमारियां लगी रहती हैं।

#5. थकान होना (Tired)

थाइराइड की समस्या से ग्रस्त आदमी को जल्द थकान होने लगती है। उसका शरीर सुस्त रहता है। वह आलसी हो जाता है और शरीर की ऊर्जा समाप्त होने लगती है।

#6. त्वचा का सूखना या ड्राई होना (Dry skin)

थाइराइड से ग्रस्त व्यक्ति की त्वचा सूखने लगती है। त्वचा में रूखापन आ जाता है। त्वचा के ऊपरी हिस्से के सेल्स की क्षति होने लगती है जिसकी वजह से त्वचा रूखी-रूखी हो जाती है।

#7. जुकाम होना (Cold)

थाइराइड होने पर आदमी को जुकाम होने लगता है। यह नार्मल जुकाम से अलग होता है और ठीक नहीं होता है।

#8. डिप्रेशन (Depression)

थाइराइड की समस्या होने पर आदमी हमेशा डिप्रेशन में रहने लगता है। उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है, दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है। याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है।

#9. बाल झड़ना (Hair fall)

थाइराइड होने पर आदमी के बाल झड़ने लगते हैं तथा गंजापन होने लगता है। साथ ही साथ उसके भौहों के बाल भी झड़ने लगते है।

#10. सिर ,गर्दन और जोड़ों में दर्द (Pain)

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और साथ ही साथ कमजोरी का होना भी थायराइड की समस्या के लक्षण हो सकते है।

#12.  शारीरिक व मानसिक विकास(Physical and mental development)

थाइराइड की समस्या होने पर शारीरिक व मानसिक विकास धीमा हो जाता है।

#13.  भूक कम लगना

#14. आवाज़ में भारीपन आने लगता है।

#15. चेहरे और बॉडी पर सूजन आने लगती है।

थायरोइड होने के कारण (Thyroid Kaise Hota Hain In Hindi)

१) कई बार कुछ दवाओं के साइड इफैक्ट  प्रभाव भी थायराइड की वजह होते हैं।
२) अधिक टेंशन लेने से थायरोइड ग्रंथि में बुरा असर पड़ने लगती है।जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती है।
३) सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते है।
४) भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या पैदा करता है।
५) यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह थायराइड का सबसे अहम कारण है।
६) थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था(प्रेग्नंसी ) जिसमें प्रसवोत्तर अवधि भी शामिल है। गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है।इस अवधि में थायरोइड होने की संभावना ज्यादा  होती है।
७) सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरेपी के कारण या टोंसिल्स, लिम्फ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुंहासे के लिए विकिरण उपचार के कारण।
८)प्रदूषण का बुरा असर भी थायरोइड होने के कारण हो सकते है। प्रदूसन से हवा में में मोजूद जहरीले कण थायरोइड ग्रंथि को भी नुकसान करते है।
९) थायरायडिस- यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि (घेंघा) है, जिसमें थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है।
१०) थायराइट की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है क्यों कि यह थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती।
११) ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है। ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है।
१२) रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है। जो कई बार थायराइड की वजह बनती है।

थायरोइड टेस्ट कैसे करते है (How do thyroid tests in Hindi) 

आपको अगर थायरोइड के लक्षण दिख रहे है तो पहले इसका टेस्ट करवाए। T3 ,T4,TSH टेस्ट करवाने से शरीर में थायरोइड लेवेल चेक किया जाता है। पुरुषो और महिलाओ में थायरोइड के लक्षण होते है तब व्यक्त का मन किसी काम में नहीं लगता है और डिप्रेशन में आ जाता है। सोचने समझने की ताकत और याददस्त कमजोर होने लगती है।सही समय पर अगर इस रोग को पहचान कर उपचार किया जाए तो इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते है।

थायरोइड के इलाज के लिए घरेलू उपाय इन हिन्दी (Thyroid treatment Gharelu Nushke in hindi)

१) लौकी का जूस (Gourd juice)

रोज सुबह खाली पेट लौकी का जूस पीने से थायरोइड खत्म करने में मदद मिलती है। जूस पीने के आधे घंटे तक कुछ खाये पिये नही ।

२) तुलसी और एलोवेरा (Tulsi and Aloevera)

दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिला कर सेवन करने से भी थायरोइड की बीमारी से छुटकारा पाने का उतम उपाय है।

३)लाल प्याज़ (Onion)

प्याज़ को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले कर ले और रात को सोने से फेले थायरोइड ग्लैंड के आसपास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज्ज का रस धोये नहीं।

४)हल्दी का दूध (Turmeric and milk)

थायरोइड कंट्रोल करने के लिए आप रोज़ दूध मेन हल्दी को पका कर पिये। अगर हल्दी वाला दूध न पिया जाए तो हल्दी को भून कर इसका सेवन करने से थ्यरोइड कंट्रोल में रेहता है।

५)कालीमिर्च (Black pepper)

कालीमिर्च भी थायरोइड के लीये बहुत ही फायदेमंद है किसी भी प्रकार से कालीमिर्च का सेवन करे थायरोइड में फायदा मिलेगा।

६) Ashwagandha 

रात को रोज सोते समय एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन गाय के दूध के साथ सेवन करने से भी थायरोइड में फायदा मिलता है।

७)हरा धनिया (Coriander leaves)

थायरोइड में हरा धनिया की चटनी भी बहुत फायदेमंद है। इस चटनी को एक ग्लास पनि में १ चम्मच घोल कर पिये।  इस उपाय को जबभी करे ताज़ी चटनी पीस कर ही करे।

८) बादाम और अखरोट (Badam and Walnut)

बादाम और अखरोट मेन सेलिनिउम तत्व मोजूद होता है जो थायरोइड के इलाज के लिए बहुत ह फायदेमंद है। इसके रोह सेवन से गले के सूजन में काफी आराम मिलता है।

९) एक्सर्साइज़ एवं प्राणायाम से थायरोइड का इलाज (Exercise)

रोज आधा घंटा एक्सर्साइज़ करने से थायरोइड कंट्रोल में रेहता है और बढ़ता भी नहीं है। नियमित रूप से योग और प्राणायाम करने से थायरोइड ठीक कर सकते है। योग के अलावा आप meditation भी कर सकते है जिससे आप रिलैक्स होगे और थायरोइड ट्रीटमंट मे भी फायदा मिलेगा। कुछ योगस्सान है जो आप रोक्ज करे उससे आपको काफी सहायता मिलेगी जैसे की
  • मतयासन
  • बिपरितकरणी
  • उज्जई प्राणायाम

१०) अदरक (Ginger)

अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।

११) दही और दूध का सेवन (Milk and Curd)

थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।

१२) मुलेठी का सेवन (Mulethi ka sewan)

थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं। और थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।

१३) गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल(Use of Wheat and jowar)

थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं के ज्वार का सेवन कर सकते हो। गेहूं का ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

१४) साबुत अनाज (Whole Grains)

जौ, पास्ता और ब्रेड़ आदि साबुत अनाज का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता  है जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।

१५) फलों और सब्जियों का सेवन (Consumption of fruits and vegetables)

थायराइड की परेशानी में जितना हो सके फलों  और सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए। फल और सब्जियों में एंटीआक्सिडेंटस होता है। जो थायराइड को कभी बढ़ने नहीं देता है। सब्जियों में टमाटर, हरि मिर्च आदि का सेवन करें।

१६) गले को दें ठंडी गर्म सेंक (Give a cold hot drink to the throat)

थायरइड की समस्या में गले को ठंडी-गर्म सेंक देने से फायदा मिलता है। इसके लिए आप गर्म पानी को एक बोतल में भर लें और अलग से ठंडे पानी को किसी बर्तन में भर लें। ठंडे पानी में एक तौलिया भी भिगों लें।और इसे इस तरह से गर्दन की सिकाई करें। तीन मिनट गर्म पानी से सिकाई और फिर एक मिनट तक ठंण्डे पानी से सिकाई। एैसा आप तीन बार करें। और चौथी बारी में तीन मिनट ठण्डी और तीन मिनट गर्म पानी की सेंक करें।इस उपाय को आप दिन में कम से कम दो बारी जरूर करें।

बाबा रामदेव की मैडिसिन से थायरोइड का इलाज (Baba Ramdev medicine for thyroid)

थायरोइड से छुटकारा पाने के लिए बाबा रामदेव की दवाई दिव्य कचनार गुग्गुल ले। ये दवाई भी थायरोइड के लिए बहुत ही फायदेमंद है और्व ये आसानी से कसी भी पतंजलि मैडिसिन स्टोर मेन आसानी से मिल जाता है।

होमेओपथिक ट्रीटमंट से थायरोईड का इलाज (Homeopathic treatment for thyroid in hindi)

थायरोइड का इलाज आप होमेओपथिक ट्रीटमंट से भी कर सकते है। थायरोइड के लिए होमेओ डॉक्टर से मिले और अपनी सारी परेशनीय उन्हे सही से बताया और उनसे दवाई ले। होमेओपथिक में भी इसका अच्छा इलाज है।

एक्यूप्रेशर से थायरोइड का इलाज (Aqua-pressure Treatment for thyroid in hindi)

हमारे दोनों पैरो आर हाथो पर शरीर के सभी अंगो के कुछ पॉइंट्स होते है। एक्यूप्रेससर ट्रीटमंट में इन पॉइंट्स को दवाने से इलाज किया जा सकता है। लेकिन इसकी जानकारी होनी आवस्यक है की कौन सी पॉइंट किस चीज के लिए है। आर कैसे दवाब डालना है। अगर आप एक्यूप्रेसुर का इलाज करना चाहते है तो पहले कुछ दिन किसी एक्सपेर्ट से जन ले उसके बाद अपने से करे।

थायरोइड में क्या खाना चाहिए (What should be eaten in thyroid)

  • थायरोइड से प्रभावित व्यक्ति को प्रतिदिन तीन से चार लिटर पानी अवस्य पीना चाहिए जिससे उसकी बॉडी से विशेले प्रद्धार्थ निकालने में काफी मदद मिलता है।
  • थायरोइड में दो ग्लास फलो का जूस भी पिये और साथ ही हफ्ते में एक बार नारियल पानी भी पीना चाहिए।
  • Iodine थायरोइड कंट्रोल करने में काफी असरदार है पर जितना हो सके नैचुरल आयोडिन का सेवन करे जैसे की टमाटर।प्याज़,और लहसुन।
  • अपने डाइट मे विटामिन ए अधिक मात्रा में लेना चाहिए। हरी सब्जिया और गाजर में वीटामिन ए ज्यादा होता है। जो थायरोइड को कंट्रोल करने में मदद करता है।

थायरोइड में क्या खाना नहीं चाहिए (what should not be eaten in thyroid)

  • सिगरेट ,तंबाकू,और किस नशीले पढ़ार्थों के सेवन से बचे।
  • बाज़ार में उपलब्ध सफ़ेद नमक का थायरोइड में परहेज करे। खाने में सिर्फ काला नमक या सेंधा नमक का प्रयोग करे।

थायरोइड ट्रीटमंट टिप्स इन हिन्दी (Tips for throid treatment in hindi)

  • महिलाओ में पुरुषो की तुलना में थायरोइड अधिक होता है इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही न करते हुए तुरंत इलाज करना शुरू करे।
  • थायरोइड के रोगी को हर तीन महीने मे इसकी जांच करवानी चाहिए। थ्यरोइड चेक करने से १२ घंटे पहले कुछ न खाये या पिये । तभी जाकर टेस्ट में सही जांच आयेगा।
  • शादी सुदा महिला अगर थायरोइड की शिकार है और प्रेग्नंकी की प्लानिंग कर रही हो तो सब से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले और थायरोइड कंट्रोल होने के बाद ही प्रेग्नंकी का सोचे। तभी माँ और बच्चे की लिए अच्छा होगा। आगे जाकर किसी प्रकार का कोंपलीकटीओन न हो।
  • थायरोइड एक दिन में तो ठीक होने वाली बीमारी नहीं है इसलिए आवश्यक है की हम थोड़ा परहेज और हेयलथी टीपस अपनाए जिससे हमे थायरोइड ही नहीं बल्कि दूसरी बीमारियो से लड़ने में मदद करेगी।
Physio care Clinic- https://www.blogger.com/blogger.g?blogID=5821844633812750708#allposts

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