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Thursday, August 2, 2018

कई रोगों में लाभकारी ‌है बेल पत्र, जानें इसके 12 अदभुत फायदे और औषधीय गुण

गर्मियों की शुरुआत के साथ ही शरीर के लिए ऐसे खाद्य आैर पेय पदार्थों की आवश्यकता बढ़ जाती है, जो शरीर को गर्मी से राहत देते हुए ठंडक प्रदान करें। उनमें से बेल भी एक ऐसा फल है, जो पेट के लिए सबसे अच्छा माना गया है। ऊपर से भूरे सुनहरे रंग वाले पके बेल फल का गूदा पीला और खुशबूदार होता है। ठंडी तासीर होने की वजह से इसे शीतल फल भी कहा जाता है।
आयुर्वेद में बेल को स्वास्थ्य के लिए काफी उपयोगी प्राकृतिक औषधि माना गया है। यह एकमात्र ऐसा फल है जिसकी जड़, छाल, पत्ते, फूल, कच्चे फल और पके फल सभी उपयोगी होते हैं। इसके औषधीय गुणों को देखते हुए इसे अमृतफल भी कहा जाता है।
गर्मियों में नारियल, तरबूज आदि मौसमी फलों की मांग तो रहती ही है, बेल की मांग भी बढ़ जाती है। इसका गूदा हलका कसैलापन लिए मीठा होता है। इसलिए आमतौर पर लोग इसका शर्बत ज्यादा सेवन करते हैं। इसका कच्चा फल पाच्यग्राही और पका फल ज्वर नष्ट करने, जुकाम और श्वास रोग मिटाने तथा मूत्र में शर्करा कम करने वाला होता है।
इस अकेले फल में हजार तरह के गुण छिपे हैं, जो कई रोगों के लिए लाभप्रद हैं। मगर किसी भी घरेलू इलाज को अपनाने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श कर लेना उचित होता है, ताकि इसका कोई साइड इफेक्ट न हो। आइये जानें बेल खाने के कुछ बेहतरीन फायदे।
  • बेल न्यूट्रिशनल वैल्यू से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, फाॅस्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम, फैट, फाइबर, विटामिन-सी, बी पाया जाता है। आयुर्वेद में इसके रस को खाली पेट पीने की सलाह दी गई है। यह ज्यादा फायदेमंद होता है। दिन भर बेल का शरबत पीने से कोई फायदा नहीं।
  • दिमाग और हृदय को शक्ति प्रदान करने के साथ पेट के रोगों में भी बेल को रामबाण माना गया है। यह एसिडिटी दूर करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। अल्सर और कब्ज के साथ पेचिश की समस्या में यह फायदेमंद है। पेट संबंधी समस्या के लिए इसके मुरब्बे का सेवन करें। बेल का मुरब्बा शरीर की शक्ति बढ़ाने के साथ सभी उदर विकारों से छुटकारा भी दिलाता है।
  • कब्ज से पेट व सीने में जलन रहती हो, तो पचास ग्राम बेल के गूदे में, 25 ग्राम पिसी हुई मिश्री और ढाई सौ ग्राम जल मिलाकर शर्बत बना लें। रोजाना इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या से मुक्ति मिलती है।
  • बेल का शर्बत पीने से तपते शरीर की गर्मी दूर होती है और लू से बचाव होता है।
  • गर्मियों में लू लगने पर बेल के ताजे पत्तों को पीसकर पैर के तलवे पर लगाने से आराम मिलता है। लू लगने पर इसके रस को मिश्री के साथ पीना भी सही रहता है। दस्त हो रहा हो, तो इसके कच्चे फल के गूदे का चूर्ण बनाकर काले तिल के चूर्ण के साथ खाएं।
  • पके बेल के गूदे में चिपचिपापन होता है, इसलिए यह डायरिया रोग में काफी लाभप्रद है। यह फल पाचक होने के साथ-साथ बलवर्धक भी है।
  • अजीर्ण में बेल की पत्तियों के दस ग्राम रस में, काली मिर्च पाउडर और सेंधा नमक मिलाकर पिलाने से आराम मिलता है।
  • अकसर गर्मियों में पाचन तंत्र में खराबी के कारण आंव आने लगती है। ऐसे में प्रतिदिन अधकच्चे बेलफल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। पके फल का शर्बत का सेवन भी कर सकते हैं।
  • बच्चों के पेट में कीड़े हों, तो बेल के पत्तों का अर्क निकालकर पिलाना चाहिए।
  • बेल के पके फल को शहद व मिश्री के साथ चाटने से खून साफ होता है।
  • कच्चे बेल के टुकड़े को काटकर घर में जलाने से घर कीटाणुरहित हो जाता है।
  • बेल के गूदे में पर्याप्त मात्रा में बीज पाए जाते हैं, जिन्हें निकालकर गूदे को सुखाने के बाद चूर्ण बनाया जा सकता है। इस चूर्ण का सेवन पेट के अनेक रोगों में फायदेमंद होता है। गांवों में लोग बेल के गूदे की टिकिया बनाकर रखते हैं। इस मौसम में यदि आप पके बेल और कच्चे बेल दोनों के गूदे का चूर्ण बनाकर स्टोर कर लें, तो बेहतर होगा।

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