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Thursday, August 2, 2018

मेडिटेशन इन हिन्दी (MEDITATION IN HINDI)


आज की इस भाग दौर वाले जीवनशेली मे लोगो को अपने लिए समय नहीं है, लोग शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से थक जाते है,इससे बचने के लिए हमे ध्यान (meditation) को अपनी रोज़ के जीवन मे जगह देना बहुत ही आवश्यक है,ध्यान मानसिक शांति पाने का सबसे सरल उपाय है जब हम ध्यान करना शुरू करते है तो शुरुवात मे बहुत कठिनाई आती है लेकिन उसे सही तरीके से किया जाय तो ये बहुत ही सरल है। इसके लिए हमे अपने मस्तिष्क की गति को समझना जरूरी होता है,ध्यान हमारे मन से नकारात्मक विचारों को निकालकर शुद्ध और अच्छे विचारों को मस्तिष्क मे जगह देता है।
नियमित रूप से ध्यान करने से धीरे धीरे ध्यान मे मन लगेगा और हमे ध्यान करने आने लगेगा,सिर्फ कुछ देर हम अपने शरीर को दे तो हम ऊर्जावान बन सकते है,हमे अपनी रोज के जीवन मे योग को ज़रूर जगह देनी चाहिए। अक्सर लोग यह कहते है की जब हम ध्यान करते है तो मन इधर उधर भागता रहता है,खुली आंखो से ध्यान करे,देखने को ही लक्ष्य बनाए उसके बाद धीरे धीरे सुनने को लक्ष्य बनाए,ॐ का उच्चारण करे और उसी आवाज़ को शरीर के भीतर भी अनुभव करे,और किसी भी एक वस्तु को अपना केंद्र बनाए,यह भी कल्पना कर सकते है की बंद आंखो से हमे भगवान के दर्शन हो रहे है। ऐसा करने से हमे यह अनुभव होता है की हमारे ईष्ट भगवान हमारे सामने खड़े है।
इन बातो को ध्यान मे रख कर अगर हम मेडिटेशन करते है तो हमे अपने मन की शांति मिलने लगती है,जब हम आंखे बंद करके आसन पर बैठते है तो हमे अपने पैर से लेकर शरीर के हर अंग का अवलोकन करना चाहिए और हमे यह सोचना चाहिए की हम जिस अंग के बारे मे सोच रहे है वह धीरे धीरे स्वस्थ और सुंदर हो रहा है।
इस तरह से हम अपने मन और शरीर को ध्यान करने के लिए तैयार कर लेते है और हमे ध्यान करने आने लगता है। अपनी रोज़ की दिनचर्या मे से कुछ समय अगर ध्यान पर दिया जाए तो हम अपने आपको को ऊर्जावान समझने लगेगे और हम को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी,हम नकारात्मक बातो को भूलने लगेगे। हमे अपनी अच्छाई और बुराई को पहचानना चाहिए।

ध्यान शुरू करने के पहले हमे इन बातो को अमल करना चाहिए (Dhyaan Kaise Shuru Kare in Hindi) 

  • शांत और सुंदर स्थान को चुने (Choose a Quiet And Beautiful Palace)
  • सुविधाजनक समय (Convenient Time)
  • चेहरे पर मुस्कुराहट को बना कर रखना (Keep a Smile In Your Face)
  • पेट को खाली रखे (Keep Your Stomach Empty)
  • वार्म अप (Warm up)
  • लंबी गहरी साँसे लेना (Deep Breath)
  • आराम से बैठना (Sit in a Comfortable Posture)
  • आंखो को धीरे धीरे खोलना (Open Your Eyes Slowly)

#१) शांत और सुंदर स्थान को चुने (Choose a Beautiful And Quiet Palace)

हमे मेडिटेशन करने के लिए एक ऐसे स्थान को चुनना चाहिए जो शांत,सुंदर और हरा भरा हो,स्थान ऐसा होना चाहिए जहा हमे कोई परेशान न कर सके।शांतिपूर्ण वातावरण मे ध्यान करने से ध्यान मे मन लगता है और यह मन को अधिक आनंदमय और विश्रामदायक बनाता है।

#२)सुविधाजनक समय (Convenient Time)

मेडिटेशन के लिए सबसे आवश्यक होता है समय,हमे समय का चुनाव अपनी सुविधा के अनुसार ही करना चाहिए क्योकि ध्यान भी शरीर को विश्राम देने के लिए ही किया जाता है। हमे ऐसे समय का चुनाव करना चाहिए जिस समय हमे कोई परेशान नहीं करे और हम ध्यान करने के लिए स्वतंत्र हो।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भी योग के लिए एक परफेक्ट समय है इस समय योग करने से हमे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और नकारात्मक बाते मन से धीरे धीरे दूर होती जाती है।

#३) चेहरे पर मुस्कराहट को बनाए रखना (Keep a Smile in your Face)

हमे चेहरे पर मुस्कुराहट रखना चाहिए ,मुस्कुराने से आप आराम और शांति का अनुभव करेंगे। ध्यान करने से मन को शांति मिलती है और पॉज़िटिव एनर्जि भी मिलती है। जिससे हमारे चेहरे की मुस्कुराहट बनी रहती है।

#४) पेट को खाली रखे (Keep Your Stomach Empty)

जब हमे बहुत तेज़ भूख लगी हो तो ध्यान करने मे मन नहीं लगता है,भूख के कारण हम पूरे वक़्त खाने के लिए ही सोचते रह जाते है और हमे ध्यान करने मे परेशानी होने लगती है। ऐसा होने पर खाना खाने के दो घंटे के बाद ध्यान कर सकते है। ऐसे तो भोजन से पहले का समय योग के लिए बहुत ही अच्छा होता है भोजन के बाद नींद आने लगती है।

#५) वार्म अप (Warm up)

हमे ध्यान करने से पहले शरीर को वार्म करना होता है,इसके लिए हल्के योग करने से रक्त के परिसंचरण मे सुधार होता है जिससे शरीर की जड़ता और बैचेनी दूर होती है और शरीर हल्का लगने लगता है। जिससे हम शांत मन से अधिक समय तक ध्यान कर पाएंगे।

#६) लंबी गहरी साँसे लेना (Deep Breaths)

ध्यान से पहले लंबी और गहरी सांस लेना और छोड़ना और नाड़ी शोधन प्राणायाम करना अच्छा होता है,इससे सांस की लय स्थिर हो जाती है और मन शांतिपूर्ण ध्यान अवस्था मे चला जाता है।

#७) आराम से बैठना (Sit in a Comfortable Posture)

ध्यान करते समय हमे आराम से बैठने की जरूरत होती है,ऐसा आवश्यक नहीं है की हम पद्मासन मे ही बैठे हम आराम से आलती पालती मारकर भी बैठ सकते है। सुख और आराम से बैठना आवश्यक है,एकदम सीधे बैठे और रीढ़ की हड्डी को सीधी रखे,अपने कंधे और गर्दन को विश्राम दे और पूरी प्रक्रिया के दौरान अपनी आंखे बंद रखे।

#८) आंखो को धीरे धीरे खोलना (Open Your Eyes Slowly)

ध्यान जब पूरा हो जाए तो हमे एकाएक आंखे नहीं खोलनी चाहिए और न ही तुरंत चलना शुरू करना चाहिए। अपनी आंखो को धीरे धीरे खोले और अपने आप को वातावरण के प्रति और अपने प्रति सजग करने के बाद ही खडे हो कर चलना चाहिए।
यदि आपके जीवन मे उत्साह की कमी है तो आपको ध्यान का सहारा लेना चाहिए इसके लिए मन और मस्तिष्क की गति को समझना बहुत ही ज़रूरी है,हम ख्यालो मे खो जाते हैइसे रोकने के लिए आंखे बंद करके पुतलियों को स्थिर रखना या फिर किसी तरह का विचार मन मे आने पर उसे तुरंत सोचना बंद करके सजग होना जरूरी है।
हम इसके लिए विपशयना को भी शामिल कर सकते है,गौतम बुद्ध द्वारा बताई गयी यह एक प्रकार की साधना है जिसके करने से आपको निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव लगेगा। विपश्यना बहुत ही सरल-सीधा तरीका है, इसमे हमे उठते बैठते,सोते जागते,बात करते या मौन रहते किसी भी स्थिति मे हमे सांसों के आने जाने को महसूस करना ही विपश्यना है। सांस छोड़ना और लेने के बीच जो गैप है उसे महसूस करना है की हमने यह सांस ली और यह छोड़ी इस बात पर सहजता से ध्यान देना है।यह इतना सरल है की आपके आस पास बैठे लोगो को पता भी नहीं लगेगा की आप क्या कर रहे और किसी को आपसे कोई असुविधा भी नहीं होगी। योग हमारे जीवन मे बहुत जरूरी है हमे अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए इस मूलमंत्र को अपना लेना चाहिए।

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